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ये तिश्नगी की शिद्दतें, सूरत ए विसाल बन जायेंगे!

ये तिश्नगी की शिद्दतें, सूरत ए विसाल बन जायेंगे! 
मुसलसल इज़हार से ज़िंदगी के सवाल बन जायेंगे! 
बन जायेगी दास्ताँ जो तुझसे कभी क़रार ए इश्क़ हो.. 
न हो तो मर के दूसरों के लिए मिसाल बन जायेंगे! 

(तिश्नगी - प्यास) (सूरत ए विसाल - मिलन का ज़रिया) (मुसलसल - लगातार) (क़रार ए इश्क़ - an agreement of love)

©Shubhro K
  #12May2022
 Pushpvritiya  Manali Rohan Monika  Darshan Raj Satyajeet Roy