भूमि हरित ये भारत की इसमें हिस्सा हूँ पहचान का राष्ट्रध्वजा के हरे रंग में एक टुकड़ा हूँ सम्मान का आज़ाद लबों से कहता हूं मैं बेटा हूँ किसान का ।।2 ये भगत भूमि सरदारों की। शेखर गांधी के उपकारों की। बिस्मिल रूपी अवतारों की । अशफ़ाक़ खांन के उद्दारों की। स्वतंत्रता चीख के कहती है मैं परिणाम हूँ बलिदान का आज़ाद लबों से कहता हूं मैं बेटा हूँ किसान का।।2 इतिहास के पन्नो में रक्त मिलेगा । हर किस्सा हमारा व्यक्त मिलेगा। कृषक -की-कृषि के बलबूते पर । ये देश हमारा सशक्त मिलेगा । प्रेम सोंधी माटी से हृदय टुकड़ा खेत खलिहाल का। आज़ाद लबों से कहता हूं मैं बेटा हूँ किसान का ।।2 हल ज्योति शमा की बनता है। हरियाली का उजियारा करता है। पत्थर भूमि भी बने उर्वरा। जब रक्त कणों- में जा मिलता है। तन तप तप कर भू गर्भ करा दे ये ओज है किसान का। आज़ाद लबों से कहता हूं मैं बेटा हूँ किसान का।। ✍️तसलीम खांन (सरवर) #Lights #किसानान्दोलन #Tab #NojotoBoloDilSe #nojotolko #pmoindia @pmoindia