# #बंद #मुट्ठी #रेत #सी बस देखती | Hindi शायरी

#बंद #मुट्ठी #रेत #सी

बस देखती रही तुझे दूर से
रेत बह रही हो बंद मुट्ठी सी
जिंदगी चल रही थी बंद मुट्ठी सी 
पकड़ने की कोशिश करती 
तो बिखरने लगती
जब मैं सब को भूलकर
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#बंद #मुट्ठी #रेत #सी बस देखती रही तुझे दूर से रेत बह रही हो बंद मुट्ठी सी जिंदगी चल रही थी बंद मुट्ठी सी पकड़ने की कोशिश करती तो बिखरने लगती जब मैं सब को भूलकर #शायरी #अनु‌

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