मज़बूर मत देख माशूक़ अब इन ललचाई नज़रों से, लाश हो चुका हूँ रो भी न सकूंगा, न मिली ज़िंदगी भी मुक़म्मल मुझको, न ही मौत भी पा ही सकूंगा, न ज़मीं मेरी अभी न आसमाँ का हुआ हूँ, न आ ही सकूंगा न जा ही सकूंगा..✍️ #राघवरूपम