कह दो पालकी वालों से, ठोंकर न लगने दे यार को, आज खुशी से ले जाओ, देखो तुम मेरे प्यार को विदाई तुम्हारी हो रही है, रोने न दो आँखों को, हमारी विदाई हो रही है, जब बंद किया हूं सांसों को , तुम्हारे साजन तुम्हारे प्रीतम, सब है तुम्हारे साथ में, अगर न हो सके तो सनम, तुम्हारे हाथ हमारे हाथ में, तुम्हारा जीवन साथी बनकर, वो साथ तुम्हारा निभाएंगे, मर भी गए हैं तो क्या सनम, भुला तुम्हें न पाएंगे, दोस्त मेरे रो रहे हैं, कहते हैं कि मैं मर गया हूँ, उन्हें क्या पता ऐ मेरे प्यार, तेरे लिए मै क्या कर गया हूँ, तुम चलो न मिलने आएंगे सनम, अब तुम्हारे ससुराल में, अगर जी चाहे तो बुला लेना, तुम अपने ख्याल में मेरी इच्छा थी मरने से पहले, तेरा दीदार कर लूँ , तू सनम बेवफा ही सही, दो पल फिर तुझे प्यार कर लूँ। ©Dharmendar Rai तू सनम बेवफा ही सही