झुकने के लिये, नहीं खड़ा हूं मैं गिरने के लिये, नहीं थमा हूं मैं और जो़र तुम पूरा लगा लो अपना नाजों से नहीं, संंघर्षों से पला हूं मैं । - आंजनेय अंजुल । #अडिग #निडर #लक्ष्य