भावनाओं के स्पंदन हृदय को पुलकित कर प्रेम के बसंती गुलाल से तन मन को रंग डालते है ! प्राप्त कर एक दूसरे के अपनत्व का आलिंगन द्रवित हो द्वैत के सिद्धांत एक होकर रह जाते है ! 😊💕#good evening💕😊 : नकल में मन प्रधान बनता है। प्रवाह के अनुसार कर्म करने लग जाता है। बुद्धि अपने हित के अनुपात में कर्म तय करती है। महर्षि पतंजलि ने लिखा है- "चित्तनदी नाम उभयतो वाहिनी"। चित्त रूपी नदी दोनों ओर बहती है। ऊपर भी, नीचे भी।