यूँ तो नग़मे हज़ार क़ैद है , मेरी डायरी में ज़हमत से ज़ुबान तक और फिर एहले-क़लाम तक पर अब ताक़त नहीं बची जो फ़िर दोहराता फिरूँ हर दरवाज़े पर facebook.com/ समीर कर अजीज़ instagram/ @samirk248 #SK_Aziz