इस उबलते रक्त को फिर रंग मिलनी चाहिए, लौट कर आएं न वो भारत के पावन स्वर्ग में, उन्हीं बुजदिल क्रूर से एक जंग मिलनी चाहिए। हम दबे ज्वालामुखी हैं,मत उरेदो तुम हमे, राख ही तेरी मिलेगी डट गए गर जंग में। आठ सैनिक ही नहीं वो आठ ईंटे नींव की हैं, गिर गईं वो आठ ईंटें सौ करोड़ों जीव की है। अब तो अपनी अग्नि को बाहर निकालो ऐ वतन, भून कर रख दो क्षणिक अतांकियों का क्रूर तन, भस्म कर दो अब,बहुत मौके दिए तुमने उन्हें, हाथ में बंदूक ले और बांध ले सिर पर कफ़न, खत्म करके जड़ से उन आतंकियों की कौम को, न्याय दे दो देश भारत के हमारे सैन्य को। ~~(वीर शहीदों को समर्पित)~~ ~~@शशांक पाठक@~~ #NojotoQuote देश के वीर शहीद सपूतों को समर्पित......