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आज प्रकृति भी तबस्सुम भरी, छटा बिखेर रही थी, बिल

आज प्रकृति भी तबस्सुम भरी,
 छटा बिखेर रही थी,

बिल्कुल उनकी मुस्कुराहट भरी,
 आनन की तरह।

उसी आनन के मोह मे डूबा था कि,
स्पर्श हुआ बारीश की बुंदों का,

बिल्कुल उनके भीगे बालो से टपकते बुंद की
 गुदगुदाहट भरी चुम्बन की तरह।
 #NojotoQuote #romantic_weather
आज प्रकृति भी तबस्सुम भरी,
 छटा बिखेर रही थी,

बिल्कुल उनकी मुस्कुराहट भरी,
 आनन की तरह।

उसी आनन के मोह मे डूबा था कि,
स्पर्श हुआ बारीश की बुंदों का,

बिल्कुल उनके भीगे बालो से टपकते बुंद की
 गुदगुदाहट भरी चुम्बन की तरह।
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