एक खत उनके नाम , जो हो चुके आज गुमनाम, रात के अधियारे में, जुगुनू सी रोशनी बिखेरी जिन्होंने, आज हो चुके हो अब दिवस के उजियारे में अंतर्ध्यान, क्या कभी याद किया उनको , और उनका वो बलिदान, किया सर्वस्व त्याग , मातृ भूमि के लिए खुद को कुर्बान । तुम मर कर भी अमर हो गए, मातृ भूमि के कण कण में तुम्हारी पहचान, हे भारत माता के वीर सपूतों, करते हम तुमको नमन और शत् शत् प्रणाम। ©Dayal "दीप, Goswami.. पत्र गुमनाम सपूतों के नाम,,