White तू ही जीवन तु ही अंत तु हीआदि तु ही अनंत जिसने किये है इस जग मै पाप देर भले हि है होगा दुस्टो का संघार तु है सबकी माँ तु है जगत माँ मेरे घर मै भी है माँ एक तो मेरी माँ और एक है मेरे बच्चे की माँ है बस तेरा ही आशीर्वाद की मेरे घर मै दो दो माँ हर पल चाहू एक हि आशीर्वाद दोनो को रख सकू खुश मै आज मुझे ना जरूरत जाने की मंदिर ना ही किसी धाम हर छोटी बच्ची को देख,हर नारी को देख ,हर एक माँ को देख हर सूरत मै तु दिखती है माँ सबको देती है तु आशीर्वाद दुस्टो का तु करती है संघार अब और कितनी दर है माँ कब् मिलेगा मोमिता और उसके जैसी को न्याय और कितनी देर है माँ तेरा है जिस पर आशीर्वाद सफलता से कोई रोक ना सका आज। ©Yogesh Kumar maa हिंदी कविता