प्यार करना है तो खुद से कर नफ़रत के लिए लोग हैं ना सच्चा बनना है तो खुद के लिए बन ढोंग के लिए लोग हैं ना सँवारना है तो खुद को सँवार आईना दिखाने के लिए लोग हैं ना पढ़ना है तो खुद के लिए पढ़ किताबों की स्ट्रीक डालने के लिए लोग हैं ना क़दम रखना है तो आगे रख पीछे धकेलने के लिए लोग हैं ना हँसना है तो खुद पर हँस दूसरों पर हसने के लिए लोग हैं ना चलना है तो अकेला चल भीड़ में चलने के लिए लोग हैं ना जीना है तो खुद के लिए जी तेरे मृत शारीर को उठाने के लिए लोग हैं ना तेरे मृत शारीर को उठाने के लिए लोग हैं ना Here's ur testi😃 Sorry late hogyi😅 Aur han Sorry esi poem ke liye😅 Funny likhna chahti thi but kya kru situation hi kuch esi hai kuch funny line dimaag mein nhi aayi😅 Agli baar better hoga😅👻