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फिर याद बहुत आयेगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम जब धूप म

फिर याद बहुत आयेगी
 ज़ुल्फ़ों की घनी शाम 
जब धूप में साया
कोई सर पर न मिलेगा 
आँसू को कभी ओस का
 क़तरा न समझना 
ऐसा तुम्हें चाहत
 का समुंदर न मिलेगा! #जुल्फ़ों की घनी शाम
फिर याद बहुत आयेगी
 ज़ुल्फ़ों की घनी शाम 
जब धूप में साया
कोई सर पर न मिलेगा 
आँसू को कभी ओस का
 क़तरा न समझना 
ऐसा तुम्हें चाहत
 का समुंदर न मिलेगा! #जुल्फ़ों की घनी शाम