फ़ोन कल्पना की दुनिया छोड़ कर बस आज एक दिन के लिए यथार्थ में आते हैं चलो मोबाइल से चार्जर हटाते हैं..इतवार मनाते हैं। क्यों नहीं ऐसा करें खाली तिज़ोरी है दुआओं से भरें। आज बैठे माँ-बाप के चलो पाँव दबाते हैं..... इतवार मनाते हैं। इन्हें धन दौलत कुछ नहीं चाहिये तुम्ही तो हो जो कुछ भी हो। चलो आज बच्चों को पार्क घुमा लाते हैं..... इतवार मनाते हैं। एक और उपाय है वो जो एलबम है वो बहुत से खट्टे मीठे पल छिपाये हैं। उन्ही पलों को आओ ढूंढ लाते हैं...... इतवार मनाते हैं। आओ एक काम करें चाय पानी का इंतज़ाम करें। फ़ोन बुक खोलो। कुछ भूले बिसरों को आज फोन लगाते हैं..... इतवार मनाते हैं। कुछ पल फुरसत के इस भागम भाग भरी ज़िन्दगी से आओ चुराते हैं। आज फिर से वही पुराने वाला..... इतवार मनाते हैं। @इतवार मनाते हैं