बीता हुआ बचपन बीत गए जो दिन वह याद बहुत आते है। न जाने अब कैसे गमों में यह दिन कट जाते है। बीता हुआ बचपन। न कोई फिक्र थी न गमो की जिक्र थी हसीं में बीता था बचपन मेरा दोस्तो के साथ खेला था बचपन मेरा। वह था बीता हुआ बचपन। बड़े हुए तो बचपन के खेल छूटे कभी पराए तो कभी अपने ही रूठे देखे जो अपने वह भी टूटे लेकिन बचपन में कर कुछ पाया हमेशा मुस्कुराया। वह था मेरा बीता हुआ बचपन। ✍️✍️ Mukesh Raj Gautam #Gautam_Sahab