कहने को तो कितना कुछ है, मगर लिख न सको तो क्या फायदा। करीब हो उनके सबसे, मगर भीड़ मे दिख न सको तो क्या फायदा। रौनक है तुमसे ही बाजारों की, फिर भी बिक न सको तो क्या फायदा। फिक्र है अगर तुम्हें जमाने भर की, और जरूरत पर टिक न सको तो क्या फायदा। साथ चलने का वादा कर, कुछ देर रूक न सको तो क्या फायदा। हो समझदार सारी दुनिया से भले ही, अपनी गलती पर झुक न सको तो क्या फायदा। ©Deepu #logics_of_life