आती है याद हमको वो रात सर्दी की मैं हूँ तुम्हारे साथ ओर वो रात सर्दी की जाने कैसी बातें हुईं आंखों ही आंखों में भिगो के गई हमको फिर वो रात सर्दी की एक कम्बल में होने का वो नर्म सा एहसास उस हसीन हमसफर के साथ वो रात सर्दी की क़तरा क़तरा मुझमे से में कम होता रहा ठहरे हुए हमारे ज़ज्बात ओर वो रात सर्दी की रात छट गई और सहर बस होने को है खत्म न हुई बातें बीत गई वो रात सर्दी की अब भी जब याद आती है तो मुस्कुरा देता हूं उस महज़बीं का साथ ओर वो रात सर्दी की यादें जुड़ी हुई है मेरे शहर की भी पर क्या करें नही भूल पाऊंगा में दिल्ली की वो रात सर्दी की zindagi #nojotourdu #nojotogurugram #nojotodelhi #delhikisardi