शायर हूं मैं उसका ,मोहब्बत याद आती है, तेरी धड़कन मेरी धड़कन को धड़कना सिखाती है, खरीदी थी जो चूड़ी , कभी तेरे लिए मैंने, वो सब छनक छनक के आज तेरी याद दिलाती है।। तेरे चेहरे को देखे भुला देता था गम सारे, तेरी आवाज के चलते में लिख देता था धुन न्यारे, तुझसे खुदसे हार करके, कुछ ऐसा हुआ हूं मैं, जैसे एक सुलझी किताबों के किसी ने पन्ने हो बिखराये।।। #AM