मुझ को हालात में उलझा हुआ रहने दे यूँही मैं तिरी ज़ुल्फ़ नहीं हूँ जो सँवर जाऊँगा।।।।।। मुज़फ़्फ़र रज़्मी। मन से। ©, #doori Extraterrestrial life hindi shayari badmash shayari