जब कोई मंदबुद्धि समझ नहीं पाता दुनिया की मोह माया। हो जाती है व्यर्थ जैसे, उपजाऊ भूमि की उर्वर काया। वैसे ही,हम भी हो जाते है जाया। ऐसा भी होता है कभी ज़ाया हो जाते हैं हम। *ज़ाया - व्यर्थ #ज़ाया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi