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काश ! तुम समझ पाते, उम्मीदों की जिंदगी से थक गया ह

काश ! तुम समझ पाते,
उम्मीदों की जिंदगी से थक गया हूँ मैं ।
हो चाहे जैसा भी,
हकीकत को जीना चाहता हूँ मैं ।।

.....✍️कुन्दन #मनसा #हकीकत #उम्मीद #नामुकम्मल #इश्क
काश ! तुम समझ पाते,
उम्मीदों की जिंदगी से थक गया हूँ मैं ।
हो चाहे जैसा भी,
हकीकत को जीना चाहता हूँ मैं ।।

.....✍️कुन्दन #मनसा #हकीकत #उम्मीद #नामुकम्मल #इश्क
kivikundan6814

Kuna Poetry

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