मेरे घर के पास एक पेड़ सुनहरा। रात को जुगनू सुबह पंछियों का डेरा। झूमता हवाओं में जैसे कोई मदमस्त लुटेरा। खड़ा है तन के दिखाता मुझ पर अपनी शान,, 'करता है मुझसे जान पहचान,, 'मेरी बातों को ऐसे समझ जाता, 'जैसे उसका मेरा रिश्ता हो बहुत गहरा,, 'बाहें फैलाकर मुझे पुकारता, 'अगर मौसम हसीन हो तो, 'जाने कैसे-कैसे इशारे करता, 'मैं भी उसके बावले पन में बहक जाती,, 'जाकर उसको फिर गले लगाती,, 'उसका मेरा रिश्ता सबसे अंजाना, 'भाता है उसका मुझे मंद मंद पुकारना,, 'देती हूं ढेरों दुआएं, "अदा करती हूं उसका शुकराना,,,,, हमें प्रकृति के करीब होना चाहिए। पेड़ पौधे ही हमारे सच्चे साथी हैं। क्योंकि यह हमें जीने के लिए प्राणवायु देते हैं। हमेशा इनका ध्यान रखिए और इनसे प्रेम करिए। 🌿☘🍀🍀🌲🌱🌳🌴🌵🌾🥀🌺🌻🌼🌷💐🏵🌿☘🍀🌲🌳🌴🌾🌿☘🍀🌱🌲🌳🌴🌿☘🍀🌲🌳🌿☘🍀🌱🌲🌳☘🌿🌿 मेरे घर के पास एक पेड़ सुनहरा।