संग उसके कितनी शामें गुज़ारी थीं उसके संग दिलकश हर नज़ारा था वो लहरों के जैसी इठलाती थी मैं खामोश दरिया का किनारा था कुछ किस्से दिल में रहते थे एक-दूजे से जब हम मिलते थे वो मेरी आँखों को पढ़ती थी मैं उसकी आँखों का इशारा था निगाहें तो बस ज़रिया थीं हमने रूह में उसे उतारा था वो मेरे दिल की गुजारिश थी मैं उसकी उम्मीदों का सहारा था... ©abhishek trehan Hello Resties! ❤️ Collab on this #rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 Check out our pinned post 🎊 #lovestory #microtale #manawoawaratha #yqdidi #yqbaba #love #yourquoteandmine Collaborating with Rest Zone