#इबादत के बदलें, तरीक़े है हमने.! दुःखी दीनों को, हम भोजन कराते.! मैं मंदिर और मस्ज़िद, को जाता ज़रुर.! कराता हूं भोजन, वहां पर दीनों को.! दिलों की मिली है, बड़ा ही सुकून.! #इबादत की होती, यही है वसूल.! #अजय57 #इबादत