नया रिश्ता थी बेचैन इस कदर, कि सोई न रातभर मन को सवालों ने घेरा, रँग स्याह क्यूं मेरा वो जो कल देखने आएगें, कहाँ मुझको अपनाएँगे रँग का ताना देगें और, रिश्ता तोड़ जाएँगे मगर लड़के का जीवन भी कुछ इस कद्र बीता था कायल था सावंले रँग का, चाय भी कडक पीता था #बेचैनियां #napowrimo #randomthoughts #yqbaba #yqtales #poetry #YourQuoteAndMine Collaborating with Sunny Sharma #yqdidi