#ज़िन्दगी जो सड़कें अकेली थीं , कुछ दिनों से , वो भी अब मायूस हो उठी हैं । उन मजदूरों के पैरों के छालों से , जिन्होंने कभी उस सड़क का निर्माण किया था । .#सचिन.#विमल