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शेर हर कोई ढुंढता है, तुम्हें.... मेरी शायरी मे

शेर 

हर कोई ढुंढता है, तुम्हें.... 
मेरी शायरी में..।।। 
पर तुम्हें मैंने रखा है, अपनी दिल कि डायरी में..! 
उसमें लिखा, हर शब्द खामोश 
और मासूम रहती है, 
तुम थी तो मेरे पास, खुशियाँ थी 
पर गए जबसे तुम, मुझसे दूर, 
सिर्फ मेरी वक्त गुजरी है....।।। 

लेखक: विजय सर जी

©Vijay Kumar #Parchhai  शेरो शायरी दोस्ती शायरी शायरी हिंदी 'दर्द भरी शायरी'
शेर 

हर कोई ढुंढता है, तुम्हें.... 
मेरी शायरी में..।।। 
पर तुम्हें मैंने रखा है, अपनी दिल कि डायरी में..! 
उसमें लिखा, हर शब्द खामोश 
और मासूम रहती है, 
तुम थी तो मेरे पास, खुशियाँ थी 
पर गए जबसे तुम, मुझसे दूर, 
सिर्फ मेरी वक्त गुजरी है....।।। 

लेखक: विजय सर जी

©Vijay Kumar #Parchhai  शेरो शायरी दोस्ती शायरी शायरी हिंदी 'दर्द भरी शायरी'