माई बाप उपेक्षित बच्चा किसी ने सोचा है क्या ये कभी एक उपेक्षित बालक कैसे चलता होगा ख्याल में उसके क्या -क्या पलता होगा दुनिया को वो कैसे देखता होगा चीजों के प्रती उसका नजरिया कैसे बनता होगा जिसे दिखता है कचरे में रोटी जब डेर से वो निकलता होगा कोई पुरा डब्बा उसे उसमे दिखती होगी उसकी आधी रोटी रोज़ वो मेहनत जी तोड़ करता होगा नज़रंदाज़ फिर भी रोज़ किया जाता होगा क्या ये ज़िस्म उसे महज़ इसलिये मिली की जिये वो उपेक्षित ज़िन्दगी ! यूँ तो ये तस्वीर है सालों पुरानी जाने क्यूँ कायम है आज भी ये कहानी क्या ये उपेक्षित बालक यूँ ही रहेंगे चेहरा तो बदलेगा पर तस्वीर यूँ ही रहेंगी इनकी जारी या होगा इनका भी कोई माई -बाप ! ©gudiya #उपेक्षित बालक #Nojoto #माँ #Twowords