इज़हार करते-करते बहुत देर हो गयी बादल तो बरसे बेहिसाब यकींनन जिस दिन विदा हो रहे थे तेरे शहर से हर बरसात में तबसे भीग जातें हैं हम तेरी यादों को ताज़ा रखने को यूँही ♥️ Challenge-953 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।