Nojoto: Largest Storytelling Platform

रात ढल चुकी है , चांद निकल चुका है, ठंडी सी हवा न

रात ढल चुकी है , 
चांद निकल चुका है,
ठंडी सी हवा ने आज रुख बदला है,
अंधेरों में भी,
ढूंढ रही है मेरी निगाहें,
बस ,
इन्तजार है, आपका
युगों युगों से,
एक पल, 
एक  एक लम्हा,
बस ,
इन्तजार 
है आपका,।

©ADV.काव्या मझधार( DK) महाकाल उपासक
  #thelunarcycle ❤️❤️❤️❤️❤️ से ❤️❤️❤️❤️तक #nojoto #नोजोतोहिंदी #नोजोतोसाहित्य

#thelunarcycle ❤️❤️❤️❤️❤️ से ❤️❤️❤️❤️तक nojoto #नोजोतोहिंदी #नोजोतोसाहित्य #कविता

684 Views