☺👩🏻⏰"हाँ बदल रही हूँ मैं"⏰👩🏻☺
"मुश्किलों के साये में तो हर-रोज पल रही हूँ मैं;
उबरने को अंधेरों से अंधेरे में हीं चल रही हूँ मैं;
गिराने की कोशिश की है वक्त ने कई बार मुझे,
परन्तु गिरते-गिरते अब तनिक संभल रही हूँ मैं;
करने को पार सभी संघर्षों को जीवन से अपने,
विकट स्थितियों-परिस्थितियों में ढ़ल रही हूँ मैं;