White कलुषित हो ,हृदय जब तब,बुराई ख़ाक ना होती। जला लो,फूँक दो रावण,बुराई राख ना होती। जगत जब बन, गया वैरी,बता तब कौन है रक्षक- मिटे जब भावना वैरी,भलाई तब धाक ही होती। ©Bharat Bhushan pathak #happy_diwali love poetry for her poetry on love love poetry in english poetry in english