कितने प्यारे फूल खिले है हम तुम सदियों बाद मिलें है सोंधी सी इक खुशबू आए पानी से जब धूल मिले है आंखों में थे आंसू उसके गम ही उसको सिर्फ मिलें है आवाज़ यहां कौन लगाए होंठ सभी के देख सिलें है तुम भी मुझको भूल न पाए हम भी तुमको देख खिले है बस यूं ही