यूँ तो कई चेहरे हर रोज़ नज़रों के सामने आया करते हैं, जिस एक चेहरे पर मेरी नज़रें गड़ी हैं, वो घूँघट ओढ़े बैठी है रात है बाकी, चाँद के इंतज़ार में अकेला जाग रहा हूँ मैं, कहीं दूर मेरी प्रियतमा, अपने प्रियतम से मुँह मोड़े बैठी है नहीं!! नाराज़ नहीं है, नज़रें शर्म के आगोश में हैं उसकी, तन-मन को समेटे, हाँ!! तपस्या तो साथ वो भी कर रही है साँस है बाकी, मिलन के इंतज़ार में अहा जाग रही है वो, बड़े प्यार से मेरी तपस्विनी, मुझ तपस्वी से नैना जोड़ रही है #alokstates #प्रियतमा #मेरी_जान #iloveyouforever