#OpenPoetry चल चरित्र सा धैर्य रखकर, बस आगे बढ़ता जाता हूँ। कुछ साथ रखता अपने, कुछ गैरों को भी अपनाता हूँ। यूँ तो स्वाभिमान से डटकर लड़ता, तन, मन से परिश्रम कर आता हूँ। बस पास रखता नया हौसला, अपनी मंज़िल से ही कदम मिलाता हूँ। यूँ तो इन बेड़ियों से ही उम्मीदों की, हर रोज़ मुलाकात करवाता हूँ। हां बनता, बिगड़ता अपने भी स्वार्थ से, बस ऐसा आत्म स्वभाव ही बतलाता हूँ। उम्मीद आज भी जीने की, क्यूं साफ़ दिखाई देती है। जैसे मित्र रूपी ये जिन्दगी भी, गैरों की सांस लेती है। #OpenPoetry #nojotohindi #nojoto #mehfooz_janab #wordswag #nojotopoetry #nojotians #wod #ctl #life #life #motivation #sambhavjainquotes #motivationalquotes #tourdelhi #tournoida #challenge #accept