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***"माँ की चिट्ठी"*** एक पुराना बंद लिफाफा बरसों ब

***"माँ की चिट्ठी"***
एक पुराना बंद लिफाफा बरसों बाद जो खोला मैंने! 
माँ की चिट्ठी से घर सारा महका सा पाया मैंने! 
कुशल-क्षेम के बाद लिखा था, ढे़र सारा प्यार मुझे!
इक इक शब्द में झलक रहा था उनका लाड-दुलार मुझे! 
अच्छी गृहणी बन जाने के गुण सिखलाये थे आगे! 
उठ जाना जल्दी से गुड़िया, इस से पहले सब जागे! 
कही-सुनी छोटी बातों को दिल से कभी लगाना मत! 
पर झूठे लोगों के आगे खुद को कभी झुकाना मत! 
मुश्किल होगा थोड़ा जीवन, पर चिंता की कोई बात नहीं! 
तुझ पर है विश्वास बड़ा, तू मानेगी कभी हार नहीं! 
सबका ध्यान मुझे रखने की, ढे़र नसीहत खत में थी!
अपना ख्याल भी रखना है, ये ख़ास हिदायत साथ में थी ! 
खत को पढ़कर, उनके हाथ को सर पर ही पाया मैंने! 
कुछ पल को खुद को उनके आँचल में ही पाया मैंने! 
नए ज़माने की दुनिया में चिट्ठी अब कम आती है! 
दूर रहूँ कितना भी माँ, पर मुझमें आप समाती हैं! #poojagupta_preet #yqdidi #yqbaba #hindikavita #maa #maakapyar #chitthi
***"माँ की चिट्ठी"***
एक पुराना बंद लिफाफा बरसों बाद जो खोला मैंने! 
माँ की चिट्ठी से घर सारा महका सा पाया मैंने! 
कुशल-क्षेम के बाद लिखा था, ढे़र सारा प्यार मुझे!
इक इक शब्द में झलक रहा था उनका लाड-दुलार मुझे! 
अच्छी गृहणी बन जाने के गुण सिखलाये थे आगे! 
उठ जाना जल्दी से गुड़िया, इस से पहले सब जागे! 
कही-सुनी छोटी बातों को दिल से कभी लगाना मत! 
पर झूठे लोगों के आगे खुद को कभी झुकाना मत! 
मुश्किल होगा थोड़ा जीवन, पर चिंता की कोई बात नहीं! 
तुझ पर है विश्वास बड़ा, तू मानेगी कभी हार नहीं! 
सबका ध्यान मुझे रखने की, ढे़र नसीहत खत में थी!
अपना ख्याल भी रखना है, ये ख़ास हिदायत साथ में थी ! 
खत को पढ़कर, उनके हाथ को सर पर ही पाया मैंने! 
कुछ पल को खुद को उनके आँचल में ही पाया मैंने! 
नए ज़माने की दुनिया में चिट्ठी अब कम आती है! 
दूर रहूँ कितना भी माँ, पर मुझमें आप समाती हैं! #poojagupta_preet #yqdidi #yqbaba #hindikavita #maa #maakapyar #chitthi