जो दिया भगवान ने नाज़ उसी पर कर लिया, निज ख़ूबसूरती से प्यार का हक तो सबको है। प्रेम तुमने देखा और तुमने कर लिया, इश्क़ करने का हक तो सबको है। एक ना को जीवन बर्बाद समझ लिया, ना कहने का हक तो सबको है। एक छींटा पड़ा सब जल गया, आईने में ख़ुद को संवारने का हक तो सबको है। उसने आज सहानुभूति से जीवन को काट लिया, शान से उम्र बीताने का हक तो सबको है। जब चेहरा तुमसे बनाया नहीं गया, तो चेहरे को छीनने का हक तुमको कैसे है? 13 "सहानुभूति" #रमज़ान_कोराकाग़ज़