सुनो जिन्दगी रोज आईने के सामने खडी होकर खुद को देखती हु लेकिन शिकायते है खुद को आईने मे देखने के बाद भी खत्म नही होती । जिन्दगी की कहानी कैसी है तस्वीरे मुस्कुराती हुई दिखाई देती है लेकिन आईना के सामने हम रोते हुई दिखाई देते है । ©Roma Malakar (writer #vacation #WAwriting