।।गीतिका।। गंगा बनने को तो चलते है सभी, हम तो गोदावरी बने हुए है अभी, मीरा बनना तो सरल है सही, पार्वती बन के तो देखो कभी, प्रेम होता है क्या जानोगे जब, शिव सा निश्चल लाओ कभी।। योगेश कुमार मिश्र“योगी” ©Yogesh Kumar Mishra"yogi #प्रेम_की_निश्चलता #गीतिकाछन्द #हिंदी_साहित्य #हिंदी_साहित्यकार #नवोदित_साहित्यकार #काव्य @yogesh_kumar_mishra_"yogi"