मुकर्रर हो हर मुराद कि खुशियों का मुक्कदर हो अब के हो ऐसी बरसात कि प्यार का समंदर हो । हो न कोई गिला ऐसा ना दूरियों का मंजर हो इश्क ना हो फरेब सा ना इश्क की आड़ में ख़ंजर हो । हो जमीं गुलजार सी ना हो तो फिर वो बंजर हो गम हो खुद की बेपरवाही का ना हो तो सब मस्त कलंदर हो । #ravikirtikikalamse #muraad