हुआ है यू की अब हम तुम्हारे हुए तुम्हारे ना भी थे तो किसी के ना थे ये अश्क़ ही साथी रहे है मेरे तुम्हारे बगैर हम हँसी के ना थे ग़म ही ग़म रहे है तुम्हारे बगैर नामों-निशां कही खुशी के ना थे तुम जहर दे जाओ तो कोई शिकवा नही वरना इरादे हमारे खुदकुशी के ना थे ! खुदकुशी!