बादलो के बीच रहकर भी चंद्रमा अपनी शीतलता बिखरता है... लुकाछिपी आरोह-अवरोह सभी मे अपना अस्तित्व रखता है शरद पुर्णिमा की पूर्णता योगिता को जीवनचक्र सिखाता है.. अमृत की पावनता से व्यक्तित्व निखरता है... ©Yogita Harne शरद पुनम