एक कलम तुम्हारे लिखे खत और तुम्हारा दिया एक गुलाब ये सब एक 'बैंक'लॉकर में रख बंद कर आई थी एक चाबी तुम्हें देकर खुद की चाबी गुमा आयी थी भरती हूँ पैसे ,आज भी उस बंद पड़े लॉकर की इस उम्मीद में तुम आओगे उसे खोलने और देख खाली पन्नो को कुछ तो पता पूछोगे मेरा या बंद करवा दोगे वो खाता जहाँ है हमदोनों का हस्ताक्षर साझा बैंक के उस लॉकर में है बंद तुमसे जुड़ा सबकुछ मेरी उम्मीद,मेरा जुनून,मेरा सकून Anupama jha #YoPoWriMo#poem#bank#locker#khat #YQbaba#YQdidi