चर्चा हो जुबानों पर मैं एक संवाद बन जाऊं, अन्धेरी रातों में इक चमकता चांद बन जाऊं नही चाहत है गिना जाऊ मैं धन के फकीरों में, मरूँ इस मुल्क के खातिर मैं भी आजाद बन जाऊ। #nojotohindi #nojotothought #sapne #inspired #jindgi #प्रण #आजाद