कुछ तो नाम था उसका जिसने मुझे बेनाम कर दिया, कुछ दोस्तों तो कुछ महफ़िल में बदनाम कर दिया, खुद तो हाथ थाम कर दुसरे का चले गए वो, और हमारी मोहब्बत को सरेआम कर दिया! किस्से पन्नों में छुपाने लगी हूँ हाँ, मैं तुम्हें पहले से ज्यादा चाहने लगी हूँ रोक लोगे तुम ये सोचना बेकार है क्योंकि तेरे नाम को अब अपने पीछे लगाने लगी हूँ ।। #nishthaRkushwaha #tomrsingh #YourQuoteAndMine Collaborating with Nishtha R Kushwaha