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02-August-2018 (12:00 am) मेरी कलम से~ SelfMade~

02-August-2018 (12:00 am)

मेरी कलम से~
SelfMade~

वो उमर पुरानी गुज़र गयी, जब इश्क़ बयाँ करते थे सब,
कुछ खत लिखा करते थे तो, कुछ डर के फाड़ दिया करते थे सब...

वो इश्क़-ए-बयाँ बदल गया अब, अब जिस्मो की चाह रखते है सब,
वो हीर का राँझा नही रहा अब, अब है जिस्मो के कदरदान यहाँ सब...

कोई सोनी का महिवाल नही है, बस चाहत का का बाज़ार पड़ा है
कुछ सस्ते से है कुछ देता है महँगे,जैसे मेले में कोई खरीदार खड़ा है... #NojotoQuote
02-August-2018 (12:00 am)

मेरी कलम से~
SelfMade~

वो उमर पुरानी गुज़र गयी, जब इश्क़ बयाँ करते थे सब,
कुछ खत लिखा करते थे तो, कुछ डर के फाड़ दिया करते थे सब...

वो इश्क़-ए-बयाँ बदल गया अब, अब जिस्मो की चाह रखते है सब,
वो हीर का राँझा नही रहा अब, अब है जिस्मो के कदरदान यहाँ सब...

कोई सोनी का महिवाल नही है, बस चाहत का का बाज़ार पड़ा है
कुछ सस्ते से है कुछ देता है महँगे,जैसे मेले में कोई खरीदार खड़ा है... #NojotoQuote
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