बेचैन सी हो कर सांसे क्यूं इतनी शोर मचाती है हर धड़कन खामोशी से यूँ ही गुज़रती जाती है तेरी कशिश तेरी जुस्तजू या तुझे पाने की इस दिल की नाकाम सी एक आरजू हर शै में जिंदगी तेरे बिन ही जिये जाती है बता न तू ही सच सच क्यों ये मौत सी कहर बरपाती है तारों से सजा आकाश ये है चांद बिन स्याह क्यों क्यों सुना पड़ा ये आज है है निकलती दिल से आह क्यों क्या दिल तेरा ही भर गया क्यों प्यार तेरा मर गया क्यों लब तेरे यूँ सील गए क्यों खत्म सब कुछ कर गया क्या कर रही है आज तू मेरी ज़िंदगी की साज तू क्यों सन्नाटे में मौन है मेरी गीत तू आवाज़ तू तेरे बिना जिया हूँ मैं तेरे बिना ही मर रहा क्यों सब हैं बस तू ही नही क्यों दिल को ये अखर रहा अभी नही किया मगर कभी तो कर ही जाऊंगा कब तक सब्र करेगा दिल हद से गुज़र भी जाऊंगा तूने किया जो भी ये है हर हाल तेरे दिल मे है क्यों तुझे ये इल्म नही ये दिल बड़ी मुश्किल में है ©Aqs...Dev #Dev_hem #grey