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"न जाने क्यों " न जाने क्यों मेरा दिल मचल गया, तु

"न जाने क्यों "

न जाने क्यों मेरा दिल मचल गया,
तुम्हारी निगाहें देख फिसल गया।

मेरा बिगड़ैल मिजाज भी,
तुम्हें देख संस्कारों में ढल गया ।
न जाने क्यों !

पहले मुझे बात-बात पर गुस्सा आता था।
तुम्हें याद कर अब मन में गाना आता है।
न जाने क्यों !

कभी-कभी तो अपने दोस्तों को बुलाता हूं,
तब तुम्हारा ही नाम ज़बा पर आ जाता है ।
न जाने क्यों ! 

ये भीड़-भाड़ और शोर-गुल वाली गलियों में,
तुम्हारी एक झलक से सन्नाटा सा पसर जाता है ।
न जाने क्यों !

तुम अनजाने हो मगर,
तुम्हरा ही ख्याल सारा दिन आता है।
न जाने क्यों ! #alone #Sksingh #SKS #नजानेक्यों
#Life  #Happy  #Poetry
"न जाने क्यों "

न जाने क्यों मेरा दिल मचल गया,
तुम्हारी निगाहें देख फिसल गया।

मेरा बिगड़ैल मिजाज भी,
तुम्हें देख संस्कारों में ढल गया ।
न जाने क्यों !

पहले मुझे बात-बात पर गुस्सा आता था।
तुम्हें याद कर अब मन में गाना आता है।
न जाने क्यों !

कभी-कभी तो अपने दोस्तों को बुलाता हूं,
तब तुम्हारा ही नाम ज़बा पर आ जाता है ।
न जाने क्यों ! 

ये भीड़-भाड़ और शोर-गुल वाली गलियों में,
तुम्हारी एक झलक से सन्नाटा सा पसर जाता है ।
न जाने क्यों !

तुम अनजाने हो मगर,
तुम्हरा ही ख्याल सारा दिन आता है।
न जाने क्यों ! #alone #Sksingh #SKS #नजानेक्यों
#Life  #Happy  #Poetry