"न जाने क्यों " न जाने क्यों मेरा दिल मचल गया, तुम्हारी निगाहें देख फिसल गया। मेरा बिगड़ैल मिजाज भी, तुम्हें देख संस्कारों में ढल गया । न जाने क्यों ! पहले मुझे बात-बात पर गुस्सा आता था। तुम्हें याद कर अब मन में गाना आता है। न जाने क्यों ! कभी-कभी तो अपने दोस्तों को बुलाता हूं, तब तुम्हारा ही नाम ज़बा पर आ जाता है । न जाने क्यों ! ये भीड़-भाड़ और शोर-गुल वाली गलियों में, तुम्हारी एक झलक से सन्नाटा सा पसर जाता है । न जाने क्यों ! तुम अनजाने हो मगर, तुम्हरा ही ख्याल सारा दिन आता है। न जाने क्यों ! #alone #Sksingh #SKS #नजानेक्यों #Life #Happy #Poetry