कुछ ख्वाब, कुछ अहसास, कुछ उम्मीदें आज भी बाकी है... शायद तेरा नाम,मेरे लबों पे आज भी बाकी है... कितना ही बयां करूं, तेरी दास्तां-ए-जिंदगी... मगर इक दास्तां, मेरी जिन्दगी मे आज भी बाकी है। #रवि_जैन